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स्‍कूली बच्‍चों को कृमि नाशन गोली का कराया गया सेवन

स्‍कूली बच्‍चों को कृमि नाशन गोली का कराया गया सेवन

मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने 12Sep राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के अवसर पर स्‍कूली बच्‍चों को कृमि नाशन गोली का कराया गया सेवन

स्‍कूली बच्‍चों को कृमि नाशन गोली का कराया गया सेवन
स्‍कूली बच्‍चों को कृमि नाशन गोली का कराया गया सेवन

स्‍कूली बच्‍चों को कृमि नाशन गोली का कराया गया सेवन , शासकीय तिलक हाई स्‍कूल के बच्‍चों को कृमि नाशन दवा का सेवन कराकर अभियान की शुरूआत|मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार 12 सितम्‍बर राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण जिले में राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम अंतर्गत जिले के सभी विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1-19 वर्ष के बच्चों किशोर /किशोरियों को एल्बेंडाजॉल 400 मि.ग्रा. गोली का सेवन कराया गया।

कृमिनाशन दिवस का शुभारंभ शासकीय तिलक हाईस्‍कूल सिवनी के छात्रों को कृमिनाशन गोली ऐल्बेंन्डाजाल का सेवन कराकर किया गया।

जिला टीकाकरण अधिकारी ने सभी विद्यार्थियों को राष्‍ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की महत्‍ता को समझाते हुए बच्‍चों में कृमि नियंत्रण के फायदे भी बताये।

इसके अतिरिक्‍त राष्‍ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण जिले के सभी शासकीय/प्रायवेट स्कूलो, आंगनवाडी केन्द्रो में अध्यनरत छात्र/छात्राओं को शिक्षको, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के द्वारों एल्बेंडाजॉल की गोली का सेवन कराया गया।

यह मीठी गोली बच्चो को चबाकर खिलाई जा रही है।

1 से 2 वर्ष आयुवर्ग को एल्‍बेंडाजॉल 400 मि.ग्रा. की आधी गोली चूरा करके पीने के साफ पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष आयुवर्ग को पूरी गोली चूरा करके पीने के साफ पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष आयुवर्ग को पूरी गोली चबाकर पीने के साफ पानी के साथ सेवन कराई जा रही है।

सीएमएचओ डॉ ठाकुर ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके पेट में कृमि है उन बच्चो में गोली खाने के बाद कुछ सामान्य प्रतिक्रिया जैसे जी मचलाना उल्टी लगना, पेट दर्द, दस्त जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं जो कि आधे से एक घंटे के अंदर समान्य हो जाते है इसके लिये सभी स्‍कूलो में ओ.आर.एस. पैकेट, उल्टी, पेट दर्द एवं ऐंटी एलर्जेटिक दवाएं स्कूलो में प्रदाय कर शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है जो आवश्यकतानुसार बच्चों को दवा दे सकते हैं।

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