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लंगूर के कटआउट से लेकर सात लाख पौधों तक : G20 शिखर सम्मेलन के लिए यह है दिल्ली की तैयारी

G20 शिखर सम्मेलन के लिए यह है दिल्ली की तैयारी

चांदनी चौक में दुकानदार और फूड स्टॉल मालिक विदेशी आगंतुकों के लिए खरीदारी आसान बनाने के लिए अनुवादकों को कर रहे नियुक्त|जी20 शिखर सम्मेलन के बड़े आयोजन को पूरी तरह सफल बनाने की कोशिशें जारी हैं. G20 शिखर सम्मेलन के लिए यह है दिल्ली की तैयारी

G20 शिखर सम्मेलन के लिए यह है दिल्ली की तैयारी

दिल्ली में अधिकारी और आम लोग सामान्य के साथ-साथ कुछ असामान्य कदम भी उठाते हुए इसकी तैयारी में जुटे हैं. राष्ट्रीय राजधानी को लगभग सात लाख सजावटी पौधों से सजाने से लेकर बंदरों को डराने के लिए लंगूर की आवाज निकालने वाले लोगों तक को काम पर रखा गया है.

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इस आयोजन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.विदेशी प्रतिनिधियों और उनके साथ आने वाले लोगों की विजिट की उम्मीद में चांदनी चौक के दुकानदार और फूड स्टॉल मालिक भी अनुवादक नियुक्त कर रहे हैं.

कुछ लोग अपने बच्चों, जो अंग्रेजी जानते हैं, को 8 सितंबर से कुछ दिनों के लिए दुकान में उनके साथ रहने के लिए कह रहे हैं ताकि भाषा की बाधा व्यवसाय में बाधा साबित न हो. शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को आयोजित किया जाएगा.

अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसियों और दिल्ली सरकार ने शहर को सुंदर बनाने और सजाने के लिए 6.75 लाख फूल और पत्ते वाले पौधे लगाए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़कों और गोलचक्करों (रोटरी) के साथ-साथ शिखर सम्मेलन स्थलों, होटलों और अन्य क्षेत्रों के पास विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे और झाड़ियां गमलों में लगाई गई हैं. लगभग सात लाख पौधों में से वन विभाग और दिल्ली पार्क एंड गार्डन सोसाइटी ने 3.75 लाख, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ने एक लाख और दिल्ली नगर निगम ने 50,000 पौधे गमलों में लगाए हैं.

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दिल्ली की लोक निर्माण विभाग (PWD) की मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि राजघाट स्मारक परिसर में अद्वितीय लैंडस्केपिंग की गई है. यहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कई प्रतिनिधियों के आने की संभावना है. इस जगह पर 115 फुट का भारतीय राष्ट्रध्वज भी स्थापित किया गया है.

आतिशी ने कहा कि यह दिल्ली और देश दोनों के लिए गर्व की बात है कि शिखर सम्मेलन राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जा रहा है. पीटीआई की एक रिपोर्ट में मंत्री के हवाले से कहा गया है, “पूरी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं, साथ ही सौंदर्यीकरण के प्रयास भी चल रहे हैं.

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आज मैंने राजघाट का दौरा किया. यह एक ऐसा स्थान है जहां शिखर सम्मेलन के दौरान कई प्रतिनिधि और देशों के प्रमुख आएंगे.”उन्होंने कहा, “पिछले साल के दौरान राजघाट से लाल किले तक के हिस्से में लोक निर्माण विभाग के प्रयास से आश्चर्यजनक बदलाव आया है. इस क्षेत्र को फव्वारे, कंटेंपरेरी स्ट्रीट आर्ट, खुली बैठने की जगह, प्रकाश व्यवस्था और बहुत कुछ इसी तरह की सुविधाएं बढ़ाई गई हैं.”

उन्होंने कहा कि भारत आने वाले किसी भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल के लिए महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट का दौरा करना हमेशा प्राथमिकता होती है. दिल्ली के लुटियंस दिल्ली क्षेत्र सहित कई हिस्सों में बंदरों की आबादी बढ़ने के साथ जानवरों द्वारा लोगों पर हमला करने और काटने की कई रिपोर्टें सामने आ रही हैं.

अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहे हैं कि वानर जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान खेल न बिगाड़ सकें. एक सरकारी अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “शिखर सम्मेलन के मुख्य स्थल, प्रगति मैदान के भारत मंडपम और जिन होटलों में विदेशी मेहमान ठहरेंगे, सहित सभी महत्वपूर्ण स्थलों को कवर किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यक्रम के दौरान बंदरों की भीड़ वहां दिखाई न दे.”

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि आयोजन स्थलों के आसपास 30-40 प्रशिक्षित लोगों को तैनात किया जाएगा जो लंगूर की आवाज निकाल सकें और बंदरों को डरा सकें. उन्होंने कहा कि, “ये प्रशिक्षित व्यक्ति हमारे साथ रजिस्टर्ड हैं और उन्हें काम पर रखा गया है. वे लंगूरों की आवाज़ की नकल करके बंदरों को डराने में सक्षम हैं. हम एसे प्रत्येक होटल में, जहां प्रतिनिधि रहेंगे, एक ऐसे व्यक्ति को तैनात करेंगे.

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साथ ही उन स्थानों पर भी ऐसे व्यक्ति रखे जाएंगे जहां बंदर देखे जाने की सूचना मिली है.” पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरदार पटेल मार्ग सहित उन क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से एक दर्जन से अधिक लंगूर कटआउट लगाए गए हैं, जहां बंदरों की आबादी अधिक है. एक अधिकारी ने कहा कि बंदरों ने कुछ पौधों और फूलों को भी नुकसान पहुंचाया है जो जी20 शिखर सम्मेलन के लिए की गई लैंडस्केपिंग का हिस्सा थे.

राज निवास के अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि एजेंसियां उन 61 सड़कों का उचित रखरखाव भी सुनिश्चित कर रही हैं जिनका उपयोग शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी मेहमानों और प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा. काम की निगरानी उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा की जा रही है.

विभिन्न एजेंसियों ने ऐसी सड़कों और स्थानों से लगभग 15,000 मीट्रिक टन ठोस कचरा साफ किया है. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली को सुंदर रूप देने के लिए विभिन्न स्थानों पर विभिन्न डिजाइनों वाली 100 से अधिक मूर्तियां और 150 फव्वारे लगाए गए हैं. पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई के बाद से सक्सेना ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए लगातार दौरे करने के अलावा अधिकारियों के साथ दो दर्जन उच्च स्तरीय बैठकें की हैं.

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भाषा को नहीं बनने देंगे बाधा एनडीटीवी चांदनी चौक की कई दुकानों पर पहुंचा, जहां जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों और अन्य लोगों के आने की संभावना है. वहां पता चला कि दुकानदार विदेशी आगंतुकों के लिए खरीदारी आसान बनाने के लिए 8 सितंबर से अंग्रेजी बोलने वाले सेल्सपर्सन और अनुवादकों को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं. कुछ लोग अपने बच्चों को भी इसमें शामिल कर रहे हैं.

समिट के दौरान लहंगा कारोबारी सुरेश सेठ के बेटे और बेटी दुकान पर मौजूद रहेंगे. सेठ ने कहा, “मैं अंग्रेजी समझ सकता हूं लेकिन मैं धाराप्रवाह नहीं बोल सकता. मैंने अपने बेटे और बेटी को जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आगंतुकों से बातचीत करने में मदद करने के लिए शिखर सम्मेलन के दौरान यहां रहने के लिए कहा है. वे दोनों अच्छी तरह से अंग्रेजी बोल सकते हैं और मेरी बेटी जर्मन भी जानती है.”

इलाके में एक फूड स्टॉल का मालिक भी एक सप्ताह के लिए एक अनुवादक को नियुक्त कर रहा है. उसने अपने सभी कर्मचारियों से आगंतुकों का उचित तरीके से स्वागत करने और भारत को गौरवान्वित करने के लिए कहा है.

उन्होंने कहा, ”हम उम्मीद कर रहे हैं कि हम पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखेंगे.” चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री का कहना है कि चांदनी चौक के 90 फीसदी दुकानदार आराम से हिंदी में ही बात कर सकते हैं. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष ब्रजेश गोयल ने कहा, “कुछ दुकानदारों ने अंग्रेजी अनुवादकों को काम पर रखा है और वे ऐसे गाइडों को भी शामिल कर रहे हैं जो फ्रेंच, रूसी और मंदारिन जानते हैं. कम्युनिकेशन उनके लिए एक बड़ी चुनौती है.

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कुछ ने अपने बच्चों,  जो अच्छी अंग्रेजी बोल सकते हैं, लेकिन व्यवसाय में साथ नहीं होते, से भी कुछ दिनों के लिए दुकानों पर रहने के लिए कहा है.” स्मारक पार्क भारत की G20 की अध्यक्षता का जश्न दक्षिणी दिल्ली के एक नगरपालिका पार्क में मनाया गया,

जिसमें समूह का एक विशाल लोगो और इसके हरे-भरे बगीचों में स्थापित 20 सजावटी स्तंभों के ऊपर सदस्य देशों के झंडे लगाए गए. यह पार्क ग्रेटर कैलाश में स्थित है. क्षेत्र के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आने वाले राष्ट्राध्यक्ष और अन्य प्रतिनिधि शहर और इसके लोगों की गर्मजोशी को याद रखेंगे.

पीटीआई की एक रिपोर्ट में भारद्वाज के हवाले से कहा गया है कि कई स्थानीय निवासियों ने पहले से ही पार्क (जो ग्रेटर कैलाश-2 में एम ब्लॉक मार्केट के सामने स्थित है) को ‘जी 20 पार्क’ कहना शुरू कर दिया है, भले ही यह औपचारिक नाम नहीं है.

पौधरोपण दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि जी20 शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पौधे लगाने के अपने वार्षिक लक्ष्य का 69% पहले ही पूरा कर लिया है. राय ने बुधवार को कहा कि शहर के विभिन्न हिस्सों में 21 विभागों द्वारा 30.2 लाख पौधे लगाये गए हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई ने श्री राय के हवाले से कहा, “हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि विभिन्न विभागों ने युद्ध स्तर पर पौधे लगाने का काम किया. 21 विभागों ने शहर भर में 30,20,356 पौधे लगाए हैं. पिछले दो महीनों में वन महोत्सव के जरिए हमने जन जागरूकता बढ़ाई. G20 शिखर सम्मेलन से पहले 69% लक्ष्य पूरा कर लिया गया है.”  

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