जो श्रीमद् भागवत की प्राकट्य भूमि है ऐसी परम पावनी भूमि पर परंपरा प्राप्त व्यास पं प्रेमकृष्ण पुरुषोत्तम तिवारी जी (सिवनी म.प्र.) के श्रीमुख से श्रीमद् भागवत कथामृत का प्रवाह ग्रीष्मकालीन अवकाश के अवसर पर दिनांक , 27 मई से 02 जून 2024 तक होगा।
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जिसका आयोजन शुक्रताल भागवत परिवार द्वारा किया जा रहा है जिसमें सिवनी जिले के ग्राम – हथनापुर, लूघरवाड़ा, आदि एवं सिवनी नगर के साथ साथ जिला कटनी के श्रोतागण सम्मिलित होंगे।
सिवनी में 27 मई से 02 जून 2024 तक होगासिवनी में 27 मई से 02 जून 2024 तक होगासिवनी में 27 मई से 02 जून 2024 तक होगासिवनी में 27 मई से 02 जून 2024 तक होगा ,सिवनी जबलपुर संभाग के अन्तर्गत आता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 यहाँ से होकर जाता है। इसके उत्तर में जबलपुर, मंडला व नरसिंहपुर ज़िले हैं, पूर्व में बालाघाट, पश्चिम में छिंदवाड़ा और दक्षिण में नागपुर (महाराष्ट्र) है।[3] सिवनी ज़िले की 8 तहसील में बांटा गया है, जिसमे सिवनी, लखनादौन, केवलारी, घंसौर, छपारा, बरघाट, कुरई और धनौरा है। सिवनी जिले को 4 विधानसभा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है,जो है – सिवनी, बरघाट, केवलारी, लखनादौन। जिले के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यह जनजातीय बाहुल है! छ्पारा गोंड राजा राम सिंह की गड़ी है। पेंच नेशनल पार्क ,मोगली की जन्म स्थली अमोदा गढ़,सिद्ध घाट, सुकला डेम,और एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा मिट्टी से बना भीमगढ़ डेम पर्यटन स्थल जिले में स्थित है।[4]।= सिवनी को मध्यप्रदेश का लखनऊ के नाम से भी जाना जाता है। कातलबोड़ी ग्राम जगतगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती माँ कि जन्म स्थली है इसीलिए इसे मातृधाम के नाम से भी जाना जाता है यहां रेलवे स्टेशन मातृधाम नाम से है और भव्य मंदिर है। आष्टा – बरघाट तहसील का एक गांव जहां पर मां काली जी का पत्थरों से बना काफी पुराना भव्य मंदिर है। दिघौरी- पितृधाम मे जगतगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सस्वती का जन्म स्थली है यहा विशाल भव्य स्फटीक शिवलिँग मंदिर हैँ। साँई मँदिर बंजारी मंदिर जबलपुर रोड पर छपारा लखनादौन के बीच मे स्थित। सीलादेही महाकालेश्वर प्रसिद्ध तीर्थस्थल पायली घंसौर से लगभग २७ किलो मीटर दूर बरगी बांध के बैक वाटर क्षेत्र में स्थित एक पिकनिक प्लेस हैं गुड़ी गुफा (यह चट्टानों से बनी प्राचीनकालीन गुफ़ा) जिसकी आन्तरिक क्षेत्रफ़ल लगभग २५ वर्ग मीटर हैं , घंसौर से १८ किलोमीटर ग्राम पोडी से २ किलोमीटर अंदर ग्राम गुड़ी के निकट स्थित है तहसील बरघाट के ग्राम धारना में सती माई का अद्भुत मंदिर है। ग्राम धारना में आष्टा रोड में कैला माता का प्रसिद्ध मंदिर है।