यहां स्थानीय विश्वास है कि एक पूजा में बाघ के अंग रखने से पैसे की बारिश होती है. भोपाल से टाइगर स्ट्राइक फोर्स के लोग जांच कर रहे हैं. इस साल में मध्यप्रदेश में अब तक 26 बाघों की मौत हो चुकी है. वन विभाग का कहना है कि इसमें से कई मौतें आपसी झगड़े में हुई हैं.
मध्य प्रदेश में बाघों का शिकार थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले महीने 26 जून को एक बार फिर टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघों का शिकार हो गया. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घुसकर बाघ का शिकार किया गया और शिकारी अपने साथ उसका सिर काटकर ले गए. वन-विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस तरह से शिकार का मकसद तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास हो सकता है.डबरा देव बीट में 26 जून को बाघ का शव मिला था, जिसके बाद 29 जून को वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने बाघों के शिकार के खतरे को लेकर सतपुड़ा, पेंच, तडोबा, अमनगढ़, कॉर्बेट, पीलीभीत, राजाजी समेत बालाघाट, गढ़चिरौली, चंद्रपुर जैसे इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.इस साल में मध्यप्रदेश में अब तक 26 बाघों की मौत हो चुकी है. वन विभाग का कहना है कि इसमें से कई मौतें आपसी झगड़े में हुई हैं. वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर ने नोटिस जारी करते हुए इन इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाने और सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं. पत्र में ये भी कहा गया है कि टेंट, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों या खाली इमारतों में संदिग्ध खानाबदोश लोगों की तलाश करें और संबंधित सभी पुलिस थानों के अधिकारियों को सूचित करें.